September 22, 2025 3:31 am

अटल बिहारी वाजपेई महापुरुष के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी देशवासियों

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अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसंबर 1924 – 16 अगस्त 2018) भारत के तीन बार के प्रधानमंत्री थे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 1998 मे और फिर19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिंदी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे।

अटल बिहारी वाजपेयी जन्‍मदि‍न: कवि, पत्रकार, राजनेता, ऐसी थी शख्‍सियत। कवि, पत्रकार और सियासतदां हर रोल में नंबर वन रहे अटल बिहारी वाजपेयी का जन्‍म 25 द‍िसंबर के द‍िन हुआ था. आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में:

अटल बिहारी वाजपेयी यूं तो भारतीय राजनीतिक पटल पर एक ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से न केवल व्यापक स्वीकार्यता और सम्मान हासिल किया, बल्कि तमाम बाधाओं को पार करते हुए 90 के दशक में बीजेपी को स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाई.

यह वाजपेयी के व्यक्तित्व का ही कमाल था कि बीजेपी के साथ उस समय नए सहयोगी दल जुड़ते गए, वो भी तब जब बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद दक्षिणपंथी झुकाव के कारण उस जमाने में बीजेपी को राजनीतिक रूप से अछूत माना जाता था.

25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ. अटल के पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी और मां कृष्णा देवी थे. वाजपेयी का संसदीय अनुभव पांच दशकों से भी अधिक का विस्तार लिए हुए है.

कुल 12 बार बने सांसद
अटल बिहारी वाजपेयी 1951 से भारतीय राजनीति का हिस्सा बने. उन्होंने 1955 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. इसके बाद 1957 में वह सांसद बने. अटल बिहारी वाजपेयी कुल 10 बार लोकसभा के सांसद रहे. वहीं, वह दो बार 1962 और 1986 में राज्यसभा के सांसद भी रहे. इस दौरान अटल ने उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली और मध्य प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीते. वह गुजरात से राज्यसभा पहुंचे थे.

BJP का उदारवादी चेहरा
अपनी भाषण कला, मनमोहक मुस्कान, वाणी के ओज, लेखन व विचारधारा के प्रति निष्ठा तथा ठोस फैसले लेने के लिए विख्यात वाजपेयी को भारत व पाकिस्तान के मतभेदों को दूर करने की दिशा में प्रभावी पहल करने का श्रेय दिया जाता है. इन्हीं कदमों के कारण ही वह बीजेपी के राष्ट्रवादी राजनीतिक एजेंडे से परे जाकर एक व्यापक फलक के राजनेता के रूप में जाने जाते हैं.

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