एडीसी हितेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में बैंकर्स की जिला स्तरीय समीक्षा कमेटी एवं जिला परामर्शदात्री कमेटी की बैठक संपन्न
– पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए बेहतर समन्वय के साथ काम करे विभागीय व बैंक अधिकारी : एडीसी
– वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही की समीक्षा हेतु आयोजित थी बैठक
गुरुग्राम, 19 मार्च।
एडीसी हितेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी) व जिला स्तरीय समीक्षा कमेटी की बैठक आयोजित हुई। एडीसी ने बैठक में जिला के जमा, अग्रिम तथा शासकीय योजनाओं के लक्ष्यों को पूर्ण करने के संबंध में विस्तार से चर्चा करने के साथ साथ विभिन्न स्वरोजगार एवं उद्यमी योजनाओं के ऋण आवेदनों की स्वीकृति एवं वितरण की बैंकवार समीक्षा की।
एडीसी ने बैठक में बैंकों के ऋण जमा अनुपात, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, हरियाणा महिला विकास निगम, केसीसी लोन, पीएम फसल बीमा योजना, पीकेसीसी, पीएम स्वनिधि, पीएम मुद्रा योजना सहित मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत बैंकों में भेजे गए आवेदनों की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के दिसंबर माह में खत्म हुई तीसरी तिमाही के दौरान सरकारी योजनाओं के तहत जिला के विभिन्न बैंकों को ऋण हेतु प्रस्तुत किये गये आवेदनों की बैंकवार समीक्षा करने उपरान्त एडीसी हितेश कुमार ने कहा कि सरकारी योजनाओं की सफलता प्रमुखतया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर ही निर्भर करती है। अतः योजनाओं के वित्त पोषण में समुचित उदारता रखें। उन्होंने कहा कि लंबित आवेदनों का जल्द से जल्द निष्पादन करें। जिससे योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों में अपेक्षित प्रगति हो सके एवं लाभार्थी अपनी आर्थिक उन्नति की गतिविधियों को आगे बढ़ा सकें। योजना के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इन योजनाओं में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाये। इसके लिए बैंक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर भी लगाये जाएं। उन्होंने कहा कि विभागीय व बैंक अधिकारी बेहतर समन्वय के साथ पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित करें।
एडीसी ने कहा कि बैंकों की योजनाओं की जानकारी समाज के अंतिम नागरिक तक पहुँचे, इसके लिए सभी को प्रयास करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं व्यापार के लिए अधिकाधिक ऋण वितरण करना होगा। उन्होंने बैंकों में सरकार की प्रायोजित योजनाओं में लंबित आवेदन पत्रों का त्वरित निस्तारण कर पात्र लोगो को लाभांवित करने के भी निर्देश दिए। समीक्षा के क्रम में उन्होंने कमजोर प्रदर्शन वाले बैंकों के प्रति सख्ती बरतते हुए नियमों के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम)
अशोक कुमार जुलाहा ने सभी बैंकों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दिसंबर माह तक की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष के दिसंबर माह के अंत तक जिला में विभिन्न बैंकों द्वारा अपनी 43 नई शाखाएं खोली गई हैं। अब जिला में विभिन्न बैंकों की कुल 919 शाखाएं अपने सेवाएं दे रही हैं। वहीं एमएसएमई क्षेत्र में 23.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ₹ 33115 करोड़ की राशि के लोन जिला में उपलब्ध कराए गए हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 500 ऋण आवेदनों का लक्ष्य निर्धारित है जिसकी तुलना में दिसंबर माह के अंत तक 177 आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है वहीं 13 आवेदन अभी स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं।
एलडीएम ने बताया कि जिला के नागरिकों को वित्तिय विषयों के प्रति जागरूक करने के लिए 31 दिसंबर 2024 तक 91 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए थे जिसमें करीब 4682 नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसी प्रकार रुड़सेट संस्थान द्वारा 10 विभिन्न स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 303 प्रार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। पीएम सूर्य घर योजना के तहत जिला में 330 आवेदकों में से 131 को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालन व मत्स्यपालन विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे कैंपो में 1724 ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 898 को स्वीकृत किया जा चुका है व 825 को रिजेक्ट किया गया है।
बैठक में आरबीआई से लीड डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर यश भारद्वाज, नाबार्ड से क्लस्टर हेड विनय कुमार त्रिपाठी, केनरा बैंक के रीजनल मैनेजर चंद्र सिंह तोमर, रुड़सेट के निदेशक निर्मल यादव सहित सरकारी व गैर सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।