- अमेरिका के ओहियो स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक के हेमेटोलॉजी एंड मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जामे अब्राहम ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि आने वाले समय में भारत को कैंसर जैसी घातक बीमारियों की सुनामी झेलनी पड़ सकती है।
वैश्वीकरण, बढ़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती उम्र और बदलती जीवन शैली इसका कारण बनेगी।
रिपोर्ट 2 : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अगले पांच सालों में कैंसर के मामलों की संख्या 12 फीसदी बढ़ जाएगी। साल 2025 तक यहां कैंसर मरीजों की संख्या 15.69 लाख के पार निकल जाएगी। स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पंवार ने संसद में बताया कि भारत में 2022 में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 14,61,427 थी।
तीसरी रिपोर्ट : स्वास्थ्य और राज्य मंत्री डा. भारती पंवार ने संसद में जानकारी दी कि भारत में 2022 में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 14,61,427 थी। वहीं 2018 से 2022 के दौरान कैंसर से 8,08,558 की मौत हो गई।
यह तीनों रिपोर्ट बताती हैं कि भारत में कैंसर के मामले चिंताजनक तरीके से बढ़ रहे हैं। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, कम उम्र में कैंसर की सबसे बड़ी वजहों में प्रमुख हमारी लाइफस्टाइल है। ग्लोबल कैंसर ऑब्जरवेटरी के अनुसार, 50 साल की उम्र से पहले ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और थायराइड कैंसर सबसे ज्यादा हो रहे हैं। भारत में ब्रेस्ट कैंसर, मुंह का कैंसर, गर्भाशय और फेफड़ों के कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वर्तमान में दुनिया के 20 फीसदी कैंसर मरीज भारत में हैं। इस बीमारी के कारण हर साल 75,000 लोगों की मौत होती है। कई मामलों में मरीज इलाज तक नहीं करा पाते। बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी के शुरुआती चरण को नहीं पहचान पाते। कीटनाशकों के व्यापक प्रयोग, अनियमित दिनचर्या, धूम्रपान और गुटखा-तंबाकू के बढ़ते सेवन के कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
अगले तीन साल में देश में 15.8 लाख होंगे कैंसर के मरीज
आईसीएमआर के आंकड़े बताते हैं कि अगले तीन सालों यानी 2025 तक भारत में कैंसर पीड़ितों की संख्या 15.8 लाख से ऊपर पहुंच जाएगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक 7.6 लाख पुरुषों और 8 लाख महिलाओं के कैंसर ग्रस्त होने का अंदेशा है। देश में कैंसर के सबसे ज्यादा, 27 फीसदी मामले तंबाकू के चलते होते हैं। उसके बाद गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट कैंसर के 19.7 फीसदी मामले हैं।
शारदा अस्पताल के ओंकोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अनिल ठाकवानी कहते हैं कि खराब जीवनशैली, लंबे समय तक काम करने के घंटे, तनावपूर्ण जीवन, धूम्रपान, शराब का सेवन, गर्भनिरोधक का उपयोग,
1 thought on “भारत में दुनिया के 20% कैंसर मरीज, डॉक्टरों की चेतावनी, आदत और लाइफस्टाइल नहीं सुधारी तो और बिगड़ेगी स्थिति”
Sir cyber city gurugram,city ke bicho bich Kutch dhar aise wahan water connection,cibe Tak nahi hai ,aur koi rahsata bhi nahin gandagi main 10 family rah Rahi hai.GMC KE UNDER
AATI HAI JAGAH RAILWAY STATION KE SAMNE.KRIPA KARKE KOI HALL INKA BHI POOCHE .
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