दिनांक 27/9/2022 को शहर के एक जागरूक नागरिक द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के माध्यम से जानकारी मांगी गई जिसमें पूछा गया कि गुरुग्राम के निजी हस्पतालों,नर्सिंग होम आदि का वर्तमान सिविल सर्जन द्वारा कब कब निरीक्षण किया गया है । RTI का जवाब जो 14/11/2022 को आवेदनकर्ता को डाक के माध्यम से मिला उसमें बड़ा चौकाने वाला खुलासा सामने आया जिससे पता चला की गुरुग्राम में चल रहे निजी हस्पतालों,नर्सिंग होम आदि का कोई निरीक्षण नही किया गया है जिस जवाब से यह स्पष्ट होता है कि गुरुग्राम का स्वास्थ्य विभाग निजी है हस्पतालों की कठपुतली बनकर रह गया है।कोरोना काल में निजी हस्पतालों की गुंडा गर्दी सभी के सामने आई जिसपर भी जिला स्वास्थ्य विभाग किसी भी तरह की कार्यवाही करने में नाकामयाब रहा और आम जनता को भारी जान-माल का नुकसान झेलना पड़ा। कानून यह है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट वर्ष 2010 में लागू किया गया है व उसे हरियाणा ने वर्ष 2018 में अपनाया व इसके संबंध में नियम भी बनाए गए और कानून के अनुसार प्रत्येक क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट यानी हस्पताल, नर्सिंग होम आदि का उसके मालिक द्वारा पंजीकरण करवाना व जिला प्रशासन व सिविल सर्जन द्वारा निरीक्षण करने का कानून है।
गौरतलब है कि जिला गुरुग्राम में अनेक झोलाछाप डॉक्टर डेरा डाल कर बैठे हुए है और समय समय पर अनहोनी घटनाएं सामने आती रहती है पर जिला स्वास्थ्य विभाग कोई कार्यवाही नही करता और गली-मोहल्लों में अनेकों ऐसे छोटे नर्सिंग होम है जहां वेंटीलेटर सुविधा नही है सर्जरी करवा रहे मरीजों के लिए जिससे कि किसी आपातकालीन स्थिति आने पर किसी और बड़े हस्पताल में जाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है और तब तक कई बार मरीज़ के जान गवाने का खतरा भी बना रहता है।।
अब ऐसे में हरियाणा के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को संज्ञान लेना चाहिए और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।।
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